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आतंक 
दोस्तो! आज मैं चर्चा करने जा रहा हूँ उस आतंकी गतिविधियों की जिससे ना सिर्फ़ हम, बल्कि पूरी दुनिया उस आतंकवाद की खौफनाक करतूतों से चिंतित है|
अँग्रेज़ी भाषा के "टेरीरिजम" शब्द का हिन्दी अनुवाद ही "आतंकवाद" है| जब कोई व्यक्ति या समूह हिंसा करके अपने स्वार्थ को पूरा करने की कोशिस करता है आतंकवाद कहलाता है| आतंकवाद का कोई नाम, कोई धर्म, कोई देश और कोई चेहरा नही होता| 
आज के समय आतंकवाद का कारनामा इतना फैल गया है की हर रोज समाचार पत्र, रेडीओ, दूरदर्शन के द्वारा कहीं ना कहीं हत्या और विस्फोट का समाचार की खबर मिलती रहती है| इसका जिस ढंग से विस्तार हो चुका है, उसको समय से पहले नही रोका गया तो वह भारत सहित सभी देशो के लिए विषम समस्या खड़ी हो जाएगी| आज विश्व मे जो आतंक फैल रहा है, उसका मुख्य कारण है धार्मिक कट्टरता| भारत मे आतंक फैलने का एक अन्य कारण है - छेत्रवाद और राजनीतिक स्वार्थ|
भारत मूलतः शांति प्रिय देश है| आतंकवाद की प्रवृति यहाँ की ज़मीन से मेल नही खाती| परंतु दुर्भाग्य से पिछले कुछ दशको से हमारा भारतवर्ष आतंकवाद के लपेट मे आता जा रहा है|
हमने देखा कश्मीर आतंकवादियों का प्रयोग स्थली बन गया है| सारा विश्व समुदाय यही समझ रहा है मानो पूरे विश्व का कष्ट सहना भारत के ही हिस्से मे हो| आतंकवाद से पीड़ित राष्ट्र होने के बाद भी हमारी प्रतिक्रिया इतनी तीखी कभी नही रही जो इंसान होने का भेद ख़त्म कर दे| भारत को इस समंस्या से निपटने के लिए विश्व के देशों का ध्यान आतंकवाद के केन्द्र की ओर आकर्षित करना चाहिए, जिससे पूरे राष्ट्र और अंतरराष्ट्रिया समुदाय इस समस्या का समाधान कर सके|
भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियाँ अब तेज़ हो गयी है|
=> पंजाब में १९८१ से १९९१ में देश गंदी राजनीति और आतंकवाद की साजिश के कारण पंजाब, काली साजिश से घिरा रहा|
भिंडरावाला ने हिंदू, सिख अलगाव का प्रश्न खड़ा करके खालिस्तान की माँग को हवा दी| उस समय देश के कई शीर्ष नेताओं के साथ - साथ इंदिरा गाँधी भी धराशायी कर दिए गये|
=>कश्मीर--- पंजाब के बाद भारत का दूसरा ज्वलंत प्रांत जम्मू-कश्मीर है| यहाँ जान बूझकर भारत विरोधी वातावरण का निर्माण किया गया| लोगों के साथ दिल – दहलाने वाली क्रूर व्यवहार किया गया ताकि वो कश्मीर छोड़कर भाग जाए और आतंकवाद का कब्जा हो जाए|
=>मुंबई--- सन २००८ में हुए मुंबई में आतंकी हमले के पीछे भी आतंकवाद का हाथ था|
इसी तरह आतंकवादी कभी मुंबई में, तो कभी कश्मीर में, तो कभी कोलकाता में, कभी गुजरात के अक्षरधाम और दिल्ली जैसे जगहों में अपना कहर बरपा रहा है| 
आज आतंक पूरे विश्व मे फैल चूका है| आतंकवाद के वश में करने का एक ही तरीका है| वह है इसका पूरा विनाश| इसमे सुधार होना संभव नही, क्यूंकी इसकी प्रक्रिया ही ऐसी है|
यदि हम अपना देश आतंकवाद से मुक्त करना चाहते है, तो गुप्तचर एजेंसियों को सस्शक्त किए जाने की आवस्यकता है| क़ानून की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना चाहिए| हिन्दुस्तान को इस स्मस्या का समाधान करने के लिए विश्व के देशो का ध्यान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की और आकर्षित करना होगा और हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा|
अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा की मैं यही आतंकवाद की सखाएँ काटने के बजाये उसको जड़ से उखड़ना होगा| जिस देश मे हम रहते हैं, उसके प्रति वफ़ादार होना चाहिए| हमारा जन्म भारत मे हुआ है| जिस देश का हम अनाज खाते हैं, कपड़े पहनते हैं, शिक्षा घ्रहन करते हैं, उसी देश की रक्षा करनी चाहिए| यदि कोई अन्य देश हमारे देश में आक्रमण करता है, तो सरकार के साथ जनता को भी राष्ट्र की रक्षा में अपना सहयोग देना चाहिए|
                                                            "ज़रा सोचो ये आतंकवादी है कौन ….. ?
मेरा मानना है की सभ्य विश्व की चाह रखने वाले हर राष्ट्र को इसका हिस्सा बनना चाहिए ….|